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Tuesday, July 2, 2024

जिले के जाने-माने समाजसेवी और प्रख्यात साहित्यकार अनिलेश चंद्र मिश्र का निधन

 जिले के जाने-माने समाजसेवी और प्रख्यात साहित्यकार अनिलेश चंद्र मिश्र का निधन


🔹दिल्ली के एम्स में ली अंतिम सांस, महज 62 वर्ष के उम्र में दुनिया को कह गए अलविदा।

सिटी संवाददाता : सौरभ मिश्रा

जमुई : जिले के सिकंदरा प्रखंड के मिश्रडीह गांव निवासी जाने माने साहित्यकार,समाजसेवी अनिलेश चंद्र मिश्र का निधन 62 वर्ष की उम्र में हो गया। वे विगत दो तीन सालों से डायलिसिस करवा रहे थे किंतु विगत छः माह से उनकी तबियत बिगड़ती चली गई।

 अंततः उन्होंने दिल्ली के एम्स में अपनी अंतिम सांसे ली। उनके निधन की जानकारी उनके भतीजे चंदन मिश्र उर्फ लड्डू सर ने दी। उनके निधन की सूचना जैसे ही लोगों के पास पहुंची तो शोक की लहर दौड़ गई। लोग उनके किए कार्य, लेखन, सामाजिक सहभागिता सहित एक-दूसरे का ख्याल रखने वाले व्यवहार की तारीफ करते दिखाई दिए। 


अनिलेश चंद्र मिश्र का जन्म सिकंदरा प्रखण्ड के मिश्रडीह ग्राम में सन 1962 में हुआ उनके पिता स्व. सुरेश चंद्र मिश्र कवि और स्वतन्त्रता सेनानी थे।अनिलेश मिश्र  ग्रांड साहित्य, संस्कृति, कला और साहित्य के लिए समर्पित रहे। वे हिंदी अंग्रेजी, संस्कृत और समाज शास्त्र के बहुत बड़े ज्ञाता थे। उनके असमय निधन से परिवार सहित जमुई जिले के साहित्य को एक बहुत बडा झटका लगा है। 


उन्होंने संभावना और जन प्रगति संस्थान नामक सामजिक संगठन की स्थापना की और इसके सहयोग से समाज के उत्थान के अनेक कार्य किये और समाज के जीवन स्तर को ऊँचा किया। उन्होंने  कुंडघाट जलाशय योजना को लाने मे भी महती भूमिका निभाई। लछुआड़ को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने के लिए लम्बा संघर्ष किया वे इतिहास, समाजशास्त्र और हिन्दी साहित्य के प्रकांड विद्वान थे। 


उनके निधन से पूरे जमुई में शोक की लहर है।उन्होंने अपने पीछे दो पुत्र और तीन पुत्रियों का भरा पुरा परिवार छोड़ दिया। उन्होंने सम-सामयिक मुद्दों पर अनेक हिन्दी और अंग्रेजी पत्र पत्रिकाओ में अपनी टिप्पणियां लिखी। उनके असमय चले जाने से हिन्दी साहित्य जगत को अपूर्णिय क्षति हुई है। उनके निधन की खबर सुनकर हाजीपुर लोकसभा सांसद सह केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान दिल्ली एम्स पहुंच कर परिवार को सांत्वना दी और उनके योगदान को याद किया।


 उन्होंने कहा कि उनके निधन से जमुई सहित पूरे बिहार में साहित्य का एक अध्याय समाप्त हो गया है। वहीं मंगलवार को यानी आज दिल्ली में ही पूरे हिंदू रीति रिवाज के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। उनके पार्थिव शरीर को मुखाग्नि उनके बड़े सुपुत्र अपरेश मिश्र देंगे।


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